A Secret Weapon For Shodashi
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The mantra seeks the blessings of Tripura Sundari to manifest and fulfill all sought after outcomes and aspirations. It's considered to invoke the merged energies of Mahalakshmi, Lakshmi, and Kali, with the final word purpose of attaining abundance, prosperity, and fulfillment in all areas of daily life.
षट्कोणान्तःस्थितां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥६॥
ध्यानाद्यैरष्टभिश्च प्रशमितकलुषा योगिनः पर्णभक्षाः ।
सर्वानन्द-मयेन मध्य-विलसच्छ्री-विनदुनाऽलङ्कृतम् ।
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥१२॥
लक्ष्मीशादि-पदैर्युतेन महता मञ्चेन संशोभितं
The trail to enlightenment is usually depicted as an allegorical journey, with the Goddess serving as the emblem of supreme power and Vitality that propels the seeker from darkness to light.
She's depicted that has a golden hue, embodying the radiance in the mounting Solar, and is commonly portrayed with a 3rd eye, indicating her wisdom and insight.
दुष्टानां दानवानां मदभरहरणा दुःखहन्त्री बुधानां
लब्ध-प्रोज्ज्वल-यौवनाभिरभितोऽनङ्ग-प्रसूनादिभिः
यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी कवच स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari kavach
The essence of these events lies inside the unity and shared devotion they inspire, transcending specific worship to make a collective spiritual atmosphere.
भर्त्री स्वानुप्रवेशाद्वियदनिलमुखैः पञ्चभूतैः स्वसृष्टैः ।
यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता Shodashi है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।