Shodashi - An Overview

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चत्वारिंशत्त्रिकोणे चतुरधिकसमे चक्रराजे लसन्तीं

The image was carved from Kasti stone, a exceptional reddish-black finely grained stone accustomed to style sacred pictures. It absolutely was brought from Chittagong in existing working day Bangladesh.

चक्रेशी च पुराम्बिका विजयते यत्र त्रिकोणे मुदा

यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari ashtottarshatnam

Right after eleven rosaries on the main working day of starting with the Mantra, you could carry down the chanting to one rosary each day and chant eleven rosaries over the 11th day, on the final working day of your chanting.

यह उपरोक्त कथा केवल एक कथा ही नहीं है, जीवन का श्रेष्ठतम सत्य है, क्योंकि जिस व्यक्ति पर षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी की कृपा हो जाती है, जो व्यक्ति जीवन में पूर्ण सिद्धि प्राप्त करने में समर्थ हो जाता है, क्योंकि यह शक्ति शिव की शक्ति है, यह शक्ति इच्छा, ज्ञान, क्रिया — तीनों स्वरूपों को पूर्णत: प्रदान करने वाली है।

षोडशी महाविद्या प्रत्येक प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने में समर्थ हैं। मुख्यतः सुंदरता तथा यौवन से घनिष्ठ सम्बन्ध होने के परिणामस्वरूप मोहित कार्य और यौवन स्थाई रखने हेतु इनकी साधना अति उत्तम मानी जाती हैं। त्रिपुर सुंदरी महाविद्या संपत्ति, समृद्धि दात्री, “श्री शक्ति” के नाम से भी जानी जाती है। इन्हीं देवी की आराधना कर कमला नाम से विख्यात दसवीं महाविद्या धन, सुख तथा समृद्धि की देवी महालक्ष्मी है। षोडशी देवी का घनिष्ठ सम्बन्ध अलौकिक शक्तियों से हैं जोकि समस्त प्रकार की दिव्य, अलौकिक तंत्र तथा मंत्र शक्तियों की देवी अधिष्ठात्री मानी जाती हैं। तंत्रो में उल्लेखित मारण, मोहन, वशीकरण, उच्चाटन, स्तम्भन इत्यादि जादुई शक्ति षोडशी देवी की कृपा के बिना पूर्ण नहीं होती हैं।- षोडशी महाविद्या

देवस्नपन दक्षिण वेदी – प्राण प्रतिष्ठा विधि

कामाकर्षिणी कादिभिः स्वर-दले गुप्ताभिधाभिः सदा ।

So, the Shodashi mantra is chanted to help make one particular far more desirable and hypnotic in everyday life. This mantra can modify your life in days as this is a really strong mantra. Just one that has mastered this mantra gets like God Indra in his life.

यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी कवच स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari kavach

कामाक्षीं कामितानां वितरणचतुरां चेतसा भावयामि ॥७॥

From curiosity why her father didn't invite her, Sati went for the ceremony Despite the fact that click here God Shiva tried warning her.

प्रासाद उत्सर्ग विधि – प्राण प्रतिष्ठा विधि

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